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मंगलवार, 20 मार्च 2012

ख्याल .....................



दिल मेरा रोशन है कितना इन दिनों 
रूह में उतरा  है सूरज इन दिनों ... 

बिखरे पत्तों को समेटती है जब हवा ...
खनकती है कोई आवाज़ इन दिनों .....

बचा कर आसमां से नजर ,खिड़की से 
उतरता है चाँद ,मेरे घर इन दिनों......

न दरिया , न पत्थर ,न ही पानी ..
फिर भी आँखों में है भंवर इन दिनों ....

ख्याल उसके की पाकीज़गी तो देखिये ....
खुदा में भी आता है ,वो नजर  इन दिनों ......

मिला जब वो ,खुदी में मिल गया .....
तलाश में जिसकी गुमशुदा थे इन दिनों .....



सोमवार, 12 मार्च 2012

प्रेरणा .............

प्रेरणा .............
हॉसुधि् में बसी
वो मौन अनुभूति
जो ले जाती है
तेज हवा के झोंके सी
नदी के बहाव को
समन्दर की ओर ...........
जहाँचाहने पर भी बहुत
नहीं जा पाते,
हम अकसर...!
हाँयही है
वो अहसासजो
बन जाता है कारण
स्वयं हमें, ‘हम’ से
मिलाने  का....
वर्ना , 
कहाँ पहुँच पाते हैं
हमस्वयं के
अहसास तक ..................!!!!!


सोमवार, 5 मार्च 2012

माँतृ प्रेम पूजनीय है तो..... पितृ प्रेम ......अतुलनीय ...!

पिता कठोर हो सकता है पर पत्थर नही ......
पत्थर लगे तो सोचना ......
पत्थरों से भी पानी रिसता है .....
समंदर की लहरों का असर उस पर भी होता है ...........
.
धार पर छैनी की ..लेकर के अभाव .....
भरता है झोली ....देकर के भाव ......

नही झलकता , बस बरसता ,
मन मंदिर के द्वार ..
लिए नयन में अश्रु धार
बहता भीतर ही भीतर
खामोश समंदर सा दुलार ......!!



(आज पितृ दिवस तो नही .....पर हाँ ...
एक पिता की मौन भावना दिल को छू गई ...
और सभी पिताओं को आईना दे गई ......)

गुरुवार, 1 मार्च 2012

रुख ........






मैंने कहा ....
मुझे मोहब्बत है ...
उसने कहा ....
हिश ..श !!!
कोई सुन लेगा ...

हवाओं का रुख 
विपरीत है .......!!!