ANANYA
शनिवार, 20 दिसंबर 2014
फ़िलवक़्त .......!
तुम कौन हो
और मैं कौन.....
जगेगा सवाल
जिस दिन ये।
खो जाऊँगी जंगल में …
फ़िलवक़्त
बस, बह रहे हो
नदी में
समंदर से ……… !!
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