मंगलवार, 17 अप्रैल 2012
शनिवार, 7 अप्रैल 2012
जिंदगी......
उसने कहा.........
जिंदगी क्या है
एक खूबसूरत गीत
या कोई हसीन ख्वाब ..... ।
मैंने कहा
गीत या ख्वाब
तो नहीं पता, पर हॉ
जीने के लिये
जरूरी है
‘कुत्ते सी वफादारी’
क्योंकि, जरा सी ‘चूक’
बना देगी ‘लावारिस’
इतना ही नहीं
घोषित कर दिऐ जाओगे
‘हलकाए’ हुए
और मार दिए जाओगे
‘बेमौत’
मीठी रोटी में
मिलाकर जहर
तब, जिंदगी के मायने
चढ़ जाएगे बलि
‘म्यूनसपैलिटी’ वालों के
‘जनसुरक्षा’
अभियान के तहत.....!!
( "काव्यांजलि " में प्रकाशित )
( "काव्यांजलि " में प्रकाशित )
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