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मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

ईश्वर और आदमी ....


ईश्वर ने 
सहेज रखे थे 
कुछ फूल ....
 आदमी ने 
जल्दी में कर दी 
भूल ...

 चुनने की कोशिश में 
चुभते गए शूल .....
 अब फटी झोली है ..
और ईश्वर के हाथ में 
फूल .......
 झोली फैलाने पर ..
मिल ना जाये धूल ..
 बाँध कर झोली  
बस तकता है ....
जैसे बहती लहरों को 
तकता है कूल ......... 

सोमवार, 2 दिसंबर 2013

वर्जित फल'



कभी कभी मन 
होकर के बागी  
चाहता है
चुराना  कुछ पल 
 चखने को  
कोई 'वर्जित फल' 









काश ! ये 

होता   इतना  ही सरल 
जैसे , होता था 
बचपन की  दोपहरी में 
चुराना  
 जामुन ,इमली  के फल …… !!!!