डा. संगीता स्वरुप जी ,ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत , शुक्रिया बहुमूल्य विचारों ,रचनाओं की पसंदीदगी के लिए .. ब्लॉग की सेट्टिंग को दुरुस्त करने के लिए कहा ही नहीं अपितु रास्ता भी बताया ,आत्मीय लगा .....
अंजू जी , मैं डा० नहीं हूँ :):) अनजाने में ही सही नाम के आगे डा० लिखा पढ़ना अच्छा लगा :):)
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 07- 06 - 2011 को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
शुक्रिया कैलाश जी ब्लॉग पर आकर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए .गहरे समंदर में ही खज़ाने छिपे रहते है,बस पहुँच की बात है.आप वहां तक गए,रचना सफल हुई....आभार...
बहुत गहन बात ,,रचना से रचित तक का सफर .. एक नारी के हृदय को पूर्ण रूप से चित्रित कर दिया ..
जवाब देंहटाएंवर्ड वैरिफिकेशन हटाने का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंडा. संगीता स्वरुप जी ,ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत ,
जवाब देंहटाएंशुक्रिया बहुमूल्य विचारों ,रचनाओं की पसंदीदगी के लिए ..
ब्लॉग की सेट्टिंग को दुरुस्त करने के लिए कहा ही नहीं अपितु रास्ता भी बताया ,आत्मीय लगा .....
अंजू जी ,
जवाब देंहटाएंमैं डा० नहीं हूँ :):) अनजाने में ही सही नाम के आगे डा० लिखा पढ़ना अच्छा लगा :):)
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 07- 06 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच --- चर्चामंच
मंजिल नहीं आती हाथ , आती है तो छूट जाई है ..
जवाब देंहटाएंसफ़र की दीवानगी ऐसी भी होती है ...
बहुत बढ़िया !
ek stree kee nishtha aisi hi hoti hai
जवाब देंहटाएंsamvedanshil srijan ko sadhuvad ji .
जवाब देंहटाएंगहरी बात...उम्दा रचना.
जवाब देंहटाएंसफ़र ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है ... मंज़िल मिल जाने पर सब कुछ रुक जाता है ...
जवाब देंहटाएंसफ़र की दीवानगी ........यही तो है जिंदगी का जुनून
जवाब देंहटाएं.................गहन भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति
गहन भावों की प्रभावशाली अभिव्यक्ति...वाह...
जवाब देंहटाएंbeautifully written
जवाब देंहटाएंगहन चिंतन से परिपूर्ण सुन्दर भावपूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबधाई हो आपको - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत सुन्दर कविता...अच्छा लगा यहाँ आकर ..बधाई
जवाब देंहटाएं___________________
'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
संगीता जी , आभार रचना को पसंद करने एवम चर्चा मंच में शामिल करने के लिए
जवाब देंहटाएंवाणी जी,रश्मि जी,उदयवीर सिंह जी और उडन तश्तरी स्वागत है आप सबका "अनन्या" ब्लॉग पर,गहनता तक पहुंचना,रचना को सार्थक कर गया..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसफ़र ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है ... मंज़िल मिल जाने पर सब कुछ रुक जाता है
जवाब देंहटाएंबिलकुल ठीक कहा आपने ..शुक्रिया .दिगम्बर नासवा जी
सफ़र ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है ... मंज़िल मिल जाने पर सब कुछ रुक जाता है
जवाब देंहटाएंबिलकुल ठीक कहा आपने दिगम्बर नासवा जी
रंजना जी, सुरेन्द्र सिंह जी,विवेक जी ,भावो की अभिव्यक्ति के प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंKunwar Kusumesh ji,Thanks a lot for appreciation.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया कैलाश जी ब्लॉग पर आकर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए .गहरे समंदर में ही खज़ाने छिपे रहते है,बस पहुँच की बात है.आप वहां तक गए,रचना सफल हुई....आभार...
जवाब देंहटाएंपाखी जी,आपको अच्छा लगा यहाँ आकर .....हमें भी अच्छा लगा,आते रहिएगा...और भी अच्छा लगेगा ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंआज 14/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंwah ! gehri baat
जवाब देंहटाएंwah ....gajab ki rachana ...sadar badhai
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