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रविवार, 6 मार्च 2011

दहलीज़


उसके
घर तक पहुँचना
बहुत
आसान है
पर..
इतना भी नहीं
क्यूंकि ,
उसके
घर के बाहर
कोई
दहलीज़ ही नहीं ..!!!

11 टिप्‍पणियां:

  1. क्यूंकि ,
    उसके
    घर के बाहर
    कोई
    दहलीज़ ही नहीं ....

    गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ...
    हार्दिक बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  2. अनुभूतियों के अहसास के लिए शुक्रिया,
    आप यहाँ पर आए और विचार रखे,अच्छा लगा
    आगे भी आते रहे और विचारो से नवाज़ते रहिएगा

    जवाब देंहटाएं
  3. भावप्रवण लेखन के लिए बधाई।
    ==========================
    देश को नेता लोग करते हैं प्यार बहुत?
    अथवा वे वाक़ई, हैं रंगे सियार बहुत?
    ===========================
    होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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  4. शब्द-शब्द संवेदना भरा है...शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  5. संवेदनशील क्षणिका.... सुन्दर...
    सादर बधाई....

    जवाब देंहटाएं
  6. उसके
    घर तक पहुँचना
    बहुत
    आसान है
    पर..
    इतना भी नहीं
    क्यूंकि ,
    उसके
    घर के बाहर
    कोई
    दहलीज़ ही नहीं ..!!!

    good one...
    bhavpoorn..

    जवाब देंहटाएं