नदी बन करबहती रही~~~~~~अपने ही किनारोंको लिया खोरइस बहाव में..........औरबन गईअथाह समन्दर-......अमृता जी के लिए बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत करने के लिये हार्दिक बधाई...
अभिव्यक्ति के प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद,डा.शरद ...अमृता जी स्वयं एक सुंदर गहरा भाव है,और मेरी बहुत ही प्रिय इंसान है.. बेहतरीन रचनाकार तो वो है ही......ये सब जानते हैं,
नदी बन कर
जवाब देंहटाएंबहती रही~~~~~~
अपने ही किनारों
को लिया खोर
इस बहाव में..........और
बन गई
अथाह समन्दर-......
अमृता जी के लिए बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत करने के लिये हार्दिक बधाई...
अभिव्यक्ति के प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद,डा.शरद ...
जवाब देंहटाएंअमृता जी स्वयं एक सुंदर गहरा भाव है,और मेरी बहुत ही प्रिय इंसान है..
बेहतरीन रचनाकार तो वो है ही......ये सब जानते हैं,