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सोमवार, 28 मार्च 2011

वो जब .........

वो जब पास नहीं होता बहुत ही पास होता है
जुदाई का ये रंग बहुत ही खास होता है ...

न बंदिश न रवायतें ,न शिकवा-शिकायतें
रूह-ऐ-पाकीज़गीका खूबसूरत अहसास होता है ...

पलकों के आसमान पर चमकते है सितारे ,
लरज़ते होठों पर भीगता इक मलाल होता है...

रगों में घुलता है कोई रंग खुशबू बनकर ,
ख़ामोशियों का न फिर कोई सवाल होता है ...

3 टिप्‍पणियां:

  1. पलकों के आसमान पर चमकते है सितारे ,


    लरज़ते होठों पर भीगता इक मलाल होता है...

    वाह,बहुत ही खूबसूरत अहसास की सुन्दर अभिव्यक्ति !
    आभार !

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  2. मेरे बारे में मुझसे बेहतर वही जानता है... 'वो" है यहाँ मेरा दिल, बस यही मानता है .....

    आपका परि़चय वाक़ई लाजवाब है !

    और आपकी ग़ज़लों का तो ज़वाब नहीं !
    आपको हार्दिक शुभकामनायें।

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  3. vo jab paas nahin hotaa bahut hi paas hotaa hai -
    bahut khoob andaaze bayaan -
    goyaa -
    "TUM MERE PAAS HOTE HO ,JAB KOI DOOSRA NAHIN HOTAA "
    "TUJHSE BEHTAR TERA PARICHAY HAI "
    veerubhai .

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