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सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

ग़ज़ल गायक "जगजीत सिंह"



एक आवाज़ ,एक सुकून,समंदर की वो लहर जो अक्सर खोये खोये दिलों को भिगो कर कहीं दूर गहराईओं में ले जाती थी ,और शांत अहसास में डूब जाते थे वो भीगे मन ,आज वो आवाज़ शांत ,खामोश हो गई .......
पर कहने को ,क्यूंकि ऐसी रूहानी शक्तियां शरीर से भले दिखाई न दें ...पर हमेशा हमारे आस पास मोजूद रहती है क्यूंकि  कला मरती नहीं ....
"एक मुसाफिर है ,सफर  है सबकी दुनिया 
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला "(HOPE..SINGER JAGJIT SINGH) 
ये कमी तो रहेगी .....कलाकार समाज ,देश को जो देता है उसे महफूज़ रखकर ,उसके होने को बरकरार रखा जा सकता है ...यही सच्ची  श्रद्धांजलि  है एक कलाकार के लिए  .....
उन्ही की गाई एक ग़ज़ल के चंद अशआर.....

मंजिल न दे चराग न दे ,हौंसला तो दे 
तिनके का ही सही तू आसरा तो दे ...
मैंने ये कब कहा ,कि मेरे हक में हो जवाब 
लेकिन खामोश क्यूँ है ,कोई फैसला तो दे 
बरसों मैं तेरे नाम पे खाता रहा फरेब 
मेरे खुदा कहाँ है तू ....अपना पता तो दे ........
मेरे खुदा कहाँ है तू ....अपना पता तो दे ........

और आज वो पता उन्हें मिल गया ..........
वही सुकून जो इस दुनिया ,हमारे मन को उन्होंने अपनी गायकी से दिया ,वही उनकी रूह को खुदा प्रदान करे ...
उनके सफर को परवान करे .....यही प्रार्थना  करते हैं .......

(हार्दिक  समर्पित....)
"दर्द ही उसका हमदम रहा 
सुरों से सहलाता जख्म रहा 
खोने पाने की भीड़ के घेरे में 
ताल मिलाता वो हर कदम रहा ....." 



2 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे पसंदीदा गायकों में से एक जगजीत साहब....उन्होंने जो गाया वो अमर कर दिया...मेरी श्रद्धांजलि उनको|

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  2. thanks alot Imraan ji.He is a great singer with spiritual power.He sang Heartly,live Heartly,and choose lyric very close to heart .that's why HE always remain,will be remained in each & every heart having deep feelings.HE accepted every challenge of life not of outer world ,but mostly of inner world .
    "दर्द ही उसका हमदम रहा
    सुरों से सहलाता जख्म रहा
    खोने पाने की भीड़ के घेरे में
    ताल मिलाता वो हर कदम रहा ....."
    (समर्पित....)

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