Powered By Blogger

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

तारुफ़ मेरा....

जब से ,पकड़ा है तूने , हाथ ये मेरा...

छूटता जा रहा ,जग से ,ताल्लुक मेरा ....../
.................................................

रात भर ,हरसिंगार सा,मैं खिलता रहा .... 

हर सुबह रहता है ,तेरी आँखों में ,तारुफ़ मेरा...../
...........................................................

न मैं मीरा बनी, न मैं राधा हुई ...

रिश्ता तुझसे बहुत ही है नाज़ुक मेरा ......./
......................................

12 टिप्‍पणियां:

  1. छोटी सी कविता में कमाल की भावाव्यक्ति,
    आपका लेखनी को नमन।

    जवाब देंहटाएं
  2. छोटी सी कविता में कमाल की भावाव्यक्ति,
    आपका लेखनी को नमन।

    जवाब देंहटाएं