अपनी ही उड़ानों से फुर्सत उसे कब कहाँ ,किस धरती पर बरसा था कब उसने जाना है .....बेजोड़ भावाभियक्ति....
बहुत खूब........शानदार |
शुक्रिया इमरान जी, सुषमा जी....
बरसात से याराना ... बहुत खूब ..
धन्यवाद संगीता जी, इतने दिन बाद आप का आगमन,स्वागत है...आपके बिना टिप्पणी बॉक्स अधूरा लगता है ,एक कमी का अहसास भी होता है ,.....अपनी दुआ बनाये रखिये ...जैसा भी लगे ,आप कहिये जरूर ... .
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 08 -12 - 2011 को यहाँ भी है ...नयी पुरानी हलचल में आज... अजब पागल सी लडकी है .
सुन्दर अभिव्यक्ति.....
अपनी ही उड़ानों से फुर्सत उसे कब कहाँ ,
जवाब देंहटाएंकिस धरती पर बरसा था कब उसने जाना है .....बेजोड़ भावाभियक्ति....
बहुत खूब........शानदार |
जवाब देंहटाएंशुक्रिया इमरान जी, सुषमा जी....
जवाब देंहटाएंबरसात से याराना ... बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संगीता जी,
जवाब देंहटाएंइतने दिन बाद आप का आगमन,स्वागत है...आपके बिना टिप्पणी बॉक्स अधूरा लगता है ,एक कमी का अहसास भी होता है ,.....अपनी दुआ बनाये रखिये ...जैसा भी लगे ,आप कहिये जरूर
... .
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 08 -12 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज... अजब पागल सी लडकी है .
सुन्दर अभिव्यक्ति.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति.....
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