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गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

प्रेम .....!!!!!!





प्रेम .....!!!!!!
नहीं किया
कभी भी मैंने ,,
..........फिर ...........
परिभाषा
कैसे बतलाती
 तुमको ......?


जब हुआ
हो गया
'सिर्फ '...
"उसी" से .....
होना था 
जिस किसी से  .......!!!!!!!!!!.

6 टिप्‍पणियां:

  1. annya ji, sundar abhivyakti,
    lajavab kalpna tatha hraday ko
    bhav-bhibhor kar dene wali rachna ke liye anginat badhaiyan

    जवाब देंहटाएं
  2. जब हुआ
    हो गया
    'सिर्फ '...
    "उसी" से .....
    होना था
    जिस किसी से .......!!!!!!!!!!.भावो की बेहतरीन अभिवयक्ति.....

    जवाब देंहटाएं
  3. धन्यवाद दिनेश जी,सुषमा जी
    ये तो हकीकत है ,

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  4. बहुत सही...........यहाँ 'किया' और 'हुआ' इन्ही के बिच प्रेम का सूत्र छुपा है......बहुत गहन, बहुत प्यारी पोस्ट |

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  5. शुक्रिया इमरान जी ,आप ने गौर किया ....अक्सर बनने और होने के बीच का फासला ही दुनियादारी है ....

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