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गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

kvita

* हौंसला *

हनेरियां  च 
चन्न दी तांघ ...
पर कमलिया 
चन्न तां 
आंदा ही 
चाननियाँ च है......
हनेरियां च 
बलन दा 
हौंसला तां 
हुंदा है 
सिर्फ 
दीवियां दे कोल .....


* चुप *

पैंडे
मुकदे मुकदे 
मुक जाने, 
सांह 
रुकदे रुकदे 
रुक जाने..,
नहियों मुकनी 
तेरे मेरे विचाले 
तां ओह 
चुप.........
जेहडी
 कह वी गई 
ते ,सब कुझ  
लै वी गई ..........


* सच *

तेरा 
आना वी सच ,
तेरा जाना वी सच... 
ओह विच विचाले  
जेहडा सी
ओह की सी....?

जे सच सी 
तां ठेहरिया क्यूँ नहीं 
जे झूठ ,
तां क्यूँ 
पसर गया है 
मेरे अंदर .......!     

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