बेहद उम्दा
सुन्दर सृजन |
वाह बहुत खूब
वाह.......बहुत खूब|
बेहतरीन। सादर
वाह ...बहुत खूब ।
bahut hi achhi
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धुआं धुआं बिखरी तन्हाई है ..तुम कहते हो कोहरे की परत छाई है ...कोहरे में छुप गयी तन्हाई है प्रकृति ने ऐसी ही कोई साजिश रचाई है आंच बाकी है अभी जख्मों में अलाव में, किसलिए आग जलाई है .....चिंगारी जो थी ज़ख्मों में छुपी उसी से अलाव में आग भड़क आई हैजलाने चले हो मिटटी का एक दिया हाथ में किसलिए पूरी दियासलाई है .......अश्कों की शबनम से भीग गयी दियासलाई दिए की बाती भी यह देख बस कंपकपायी हैबहुत खूबसूरत
शानदार उम्दा प्रस्तुति।
खूबसूरत प्रस्तुति
आलम यही है..चिंगारी जो थी ज़ख्मों में छुपीउसी से अलाव में आग भड़क आई हैजलाने चले हो मिटटी का एक दियाहाथ में किसलिए पूरी दियासलाई है .......पधारें कभी..-kalamdaan.blogspot.com
आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया .....
बहुत खूब संगीता जी .............सुंदर प्रतिक्रिया है ......हमेशा की तरह स्वागत के साथ आप का तहे दिल से शुक्रिया ....
धुआं धुआं बिखरी तन्हाई है ..तुम कहते हो कोहरे की परत छाई है ...वाह ...बहुत खूब ।
बेहद उम्दा
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन |
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह.......बहुत खूब|
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंbahut hi achhi
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंधुआं धुआं बिखरी तन्हाई है ..
जवाब देंहटाएंतुम कहते हो कोहरे की परत छाई है ...
कोहरे में छुप गयी तन्हाई है
प्रकृति ने ऐसी ही कोई साजिश रचाई है
आंच बाकी है अभी जख्मों में
अलाव में, किसलिए आग जलाई है .....
चिंगारी जो थी ज़ख्मों में छुपी
उसी से अलाव में आग भड़क आई है
जलाने चले हो मिटटी का एक दिया
हाथ में किसलिए पूरी दियासलाई है .......
अश्कों की शबनम से भीग गयी दियासलाई
दिए की बाती भी यह देख बस कंपकपायी है
बहुत खूबसूरत
शानदार उम्दा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआलम यही है..
जवाब देंहटाएंचिंगारी जो थी ज़ख्मों में छुपी
उसी से अलाव में आग भड़क आई है
जलाने चले हो मिटटी का एक दिया
हाथ में किसलिए पूरी दियासलाई है .......
पधारें कभी..-kalamdaan.blogspot.com
आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया .....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब संगीता जी .............
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रतिक्रिया है ......हमेशा की तरह स्वागत के साथ आप का तहे दिल से शुक्रिया ....
धुआं धुआं बिखरी तन्हाई है ..
जवाब देंहटाएंतुम कहते हो कोहरे की परत छाई है ...
वाह ...बहुत खूब ।