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मंगलवार, 24 जनवरी 2012

फर्क............

तुम 
देवता हो ....
और ,मैं 
इंसान .....

बस , 
यही एक 
फर्क है ...

जो करता है 
जुदा ...

मुझे ,तुमसे 
और 
तुम्हें 
तुमसे .....!!!

15 टिप्‍पणियां:

  1. पर एहसास तुम्हारे पास भी है , मेरे पास भी ... मैं तुमको सौंप देती हूँ , तुम अपनी दृष्टि रखते हो सुरक्षा की

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  2. आपके इस उत्‍कृष्‍ठ लेखन का आभार ...

    ।। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।।

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  3. लीन हो जाओ में देवता के अपने
    जो मिला नहीं अब तक मिल जाएगा
    सुन्दर कविता,बधाई

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  4. इंसान इंसान ही बना रहे यही बहुत है |

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  5. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना....

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  6. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना....

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  7. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना....

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  8. वाह खूब कहा हैं
    ईश्वर और इंसान के फर्क को

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  9. आप सब का तहे दिल से शुक्रिया .....

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  10. सच नाम के सिवा और कोई अंतर नहीं,
    मैं उसे क्यों मानू वो मेरे जैसा गर नहीं

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