aahte kahan thamti hai :)dastak de hi jaati hai aati jaati hawa ke saath ..
जम गई पाँव नीचे की ज़मी बर्फीले तूफ़ान में ..!------वाह बहुत सुंदर रचनाबधाईआग्रह है गुलमोहर------
आपकी कविताएँ अमृता प्रीतम जी की याद दिला जाती है ।
aahte kahan thamti hai :)dastak de hi jaati hai aati jaati hawa ke saath ..
जवाब देंहटाएंजम गई
जवाब देंहटाएंपाँव नीचे की ज़मी
बर्फीले तूफ़ान में ..!------
वाह बहुत सुंदर रचना
बधाई
आग्रह है
गुलमोहर------
आपकी कविताएँ अमृता प्रीतम जी की याद दिला जाती है ।
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