बहुत गहरे है दोनों में........हवा झोंके के सामान आती है और जाती है.......और बस्रिश सब कुछ भीगा जाती है..........बहुत खूबसूरत|
प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया इमरान जी
ये बातें तो पहली बार जानी कि मोहब्बत 'हवा' है और इश्क 'बरसात'
बहुत गहरे है दोनों में........हवा झोंके के सामान आती है और जाती है.......और बस्रिश सब कुछ भीगा जाती है..........बहुत खूबसूरत|
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