अमलतास
यौवन पर ......
गजरे में गुंथे फूल
ओढ़ दोपहरी का घूंघट
ढांप देते हैं
धरा के तापित
आँचल को .....
बिन सोचे
बिन समझे
बिखरने ,रौंदे जाने से
बेखबर ...
सुवासित
अपनी ही महक से ......
मुस्कुराते हैं
धरा के श्रृंगार पर ......
सच ...
कितना सुखद होता है
मुस्कुराहटों पर
निस्सार होना ......(अनन्या अंजू )
सच ...
जवाब देंहटाएंकितना सुखद होता है
मुस्कुराहटों पर
निस्सार होना ......wah.....bahot khoobsurat.
अमलतास प्रेम रंग में होते हैं .... वे हर हाल में खुशियाँ देते हैं
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा अंजू जी...यह फूलों का ही जागर है जो पाँव तले मसले जाने पर भी सुगंध देते हैं....बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंकितना सुखद होता है
जवाब देंहटाएंमुस्कुराहटों पर
निस्सार होना.........
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आह....