कुछ रिश्ते .....
होते हैं बहुत खूबसूरत.......!
हो सकता है
मेरी ये बात ...
तुम्हें नागवार गुजरे .....
ये भी हो सकता है ...
तुम ...जड दो कोई पैबंद
मेरे झूठे होने का ....
पर सुनो ..!
मैं उस पैबंद पर
चिपका दूंगी ...एक शीशा
और ...टांक दूंगी ...
उसके इर्द गिर्द ...
कुछ मोती और सितारे .........(१)
हो सकता है
मेरी ये बात ...
तुम्हें नागवार गुजरे .....
ये भी हो सकता है ...
तुम ...जड दो कोई पैबंद
मेरे झूठे होने का ....
पर सुनो ..!
मैं उस पैबंद पर
चिपका दूंगी ...एक शीशा
और ...टांक दूंगी ...
उसके इर्द गिर्द ...
कुछ मोती और सितारे .........(१)
हो सकता है ....
सुई की नोंक से
कुरेद ......
खींच कर धागा
उधेड़ दो कोई सीवन
खुले सिरे...
बन जाये भद्दापन ....
झांके नंगापन .....
दे दूंगी नया रूप
नया आकार ....
जो जायेगा संवार ........
सुनो !
दोनों सिरों को जोड़ती
मैं बांधूगी एक डोरी ....
जैसे गोटा किनारी ........(२)
सुई की नोंक से
कुरेद ......
खींच कर धागा
उधेड़ दो कोई सीवन
खुले सिरे...
बन जाये भद्दापन ....
झांके नंगापन .....
दे दूंगी नया रूप
नया आकार ....
जो जायेगा संवार ........
सुनो !
दोनों सिरों को जोड़ती
मैं बांधूगी एक डोरी ....
जैसे गोटा किनारी ........(२)
हो सकता है तुम ......
तेज धार से
कतर डालो
छोटी छोटी कतरनों में ........!
फिर भी ....
एक एक कर ...
जाउंगी लपेटती ........
और बुन लूंगी
उस गोले से ....
एक आसन ..पाकीज़ा ..!
सुनो ...!
रख मंदिर में .....
कर लूंगी ध्यान .....
पा जायेगा पहचान .....
होकर के मुक्तिगान ......!!!!! (३)
तेज धार से
कतर डालो
छोटी छोटी कतरनों में ........!
फिर भी ....
एक एक कर ...
जाउंगी लपेटती ........
और बुन लूंगी
उस गोले से ....
एक आसन ..पाकीज़ा ..!
सुनो ...!
रख मंदिर में .....
कर लूंगी ध्यान .....
पा जायेगा पहचान .....
होकर के मुक्तिगान ......!!!!! (३)
--अंजू अनन्या --
बिलकुल सच्ची बात
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिव्यक्ति
इतने ख़ुशगवार रिश्ते....किसे नागवार लगेंगे....महकती हुयी कवितायें हैं...ये रिश्ते...ये ख़ुशबू...बची रहे...आमीन।
जवाब देंहटाएंतोड़ना तो हर किसी के लिए आसान होता है,मैं जोड़ना जानती हूँ तो जोड़ ही लूंगी
जवाब देंहटाएंरख मंदिर में .....
जवाब देंहटाएंकर लूंगी ध्यान ....
क्या बात है ... बहुत ही खूबसूरती से जोड़ा है हर शब्द को शब्द
लाजवाब प्रस्तुति
गज़ब की प्रस्तुति है जिसने जोडना सीखा हो वो कभी हार नही मानता
जवाब देंहटाएंक्या कहने हैं..
जवाब देंहटाएंतीनो क्षणिकाएं बेहतरीन :)
तुम ...जड दो कोई पैबंद
मेरे झूठे होने का ....
पर सुनो ..!
मैं उस पैबंद पर
चिपका दूंगी ...एक शीशा
:))))
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!!
रिश्तों की कशीदाकारी ज़िन्दगी को कितना खूबसूरत बना देती है....
अनु
शुक्रिया आप सभी का .....आप सभी ने इसे पढा ...सोचा समझा .....सार्थक हो गई ये रचना ....
जवाब देंहटाएंअपनेपन से सजे रिश्तों की अलग ही परिभाषा ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और गहन.........
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