Powered By Blogger

शनिवार, 17 अगस्त 2013

एहसास ................

उनींदी आँखों में 

सुरमई लकीर सा 

बहकता ख्वाब ......


सर्र.र्र.. सी सरसरी 

मरीचिका सी आस  

नम झोंके का

पुरनम बहाव  .......


स्निग्ध एहसास  

महका  उज्जास ......


जी लिया ...यूँ 

हथेली से , 

हथेली का विश्वास  .........!



5 टिप्‍पणियां: