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गुरुवार, 1 अगस्त 2013

ख्वाब.............................



ज़ज्बात मूक 

और शब्द ...

शब्द दफन हुए 

हलक में ......


बहुत रोका 

पर 

जुगनू से ख्वाब 

आखिर 

ढुलक गए 

पलक से ..............! ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ...!!! 

{- अन्या - }




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