उम्मीद कभी नहीं मरती ...एक पौध हमेशा बनी हुई है
behtreen....
वो घृणा उर में बोई ... उर ही में फंसे हैं कांटे अब ... पर पृथ्वी क्षमा शील है ,वो सिर्फ सुधार की प्रतीक्षा करती है ,माँ है न आखिर !!
बहुत ही खूबसूरत भाव ..अनुज शुक्रिया आपका
उम्मीद कभी नहीं मरती ...एक पौध हमेशा बनी हुई है
जवाब देंहटाएंbehtreen....
जवाब देंहटाएंवो घृणा उर में बोई ... उर ही में फंसे हैं कांटे अब ...
जवाब देंहटाएंपर पृथ्वी क्षमा शील है ,
वो सिर्फ सुधार की प्रतीक्षा करती है ,
माँ है न आखिर !!
बहुत ही खूबसूरत भाव ..अनुज शुक्रिया आपका
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