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शनिवार, 9 नवंबर 2013

सडक और रास्ता ...(२)

(२)

सड़क  
चलना चाहती थी  
साथ साथ 
पर खोदते रहे बारम्बार …   

बन  गया 
एक गड्ढा गहरा 
बरसात  मौसम में  
भर जाता है पानी 
भिनभिनाते हैं मच्छर……!

तपती लू में 
ज़मी सोख लेती है पानी 
भुरभुराने लगती है 
मिटटी ……

भरने की कोशिश में 
सड़क का कटना  
रहता है जारी … 
 

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